महानिदेशक का संदेश

राजेश शर्मा

डॉ.राजेश शर्मा

महा निदेशक

वर्ष 1982 में स्थापना के समय से ही म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् प्रदेश के विकास एवं आमजन के जीवन स्तर के उत्थान हेतु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विस्तार, लोकव्यापीकरण एवं अनुप्रयोग का कार्य करती रही है। परिषद् अपने वैज्ञानिक कार्यक्रमों, सुदृढ़ नियोजन तंत्र एवं आवश्यकतानुसार उपलब्ध राशि के साथ अनुभवी एवं प्रशिक्षित वैज्ञानिक अमले के आधार पर देश की सभी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषदों में अग्रणी स्थान रखती है। परिषद् की विज्ञान प्रोत्साहन गतिविधियांे में राज्य स्तरीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पुरस्कार, नवाचारी शिक्षक पुरस्कार, युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, मिशन एक्सिलेन्स पुरस्कार आदि प्रमुख है। विज्ञान के क्षेत्र में आधुनिक विकास के साथ तालमेल रखते हुए परिषद् द्वारा कुछ महत्वपूर्ण कार्यक्रम जैसे कि पारम्परिक ज्ञान का प्रलेखन एवं मान्यकरण, समूह विकास के द्वारा आर्थिक सशक्तिकरण, युवाओं में विज्ञान की अभिरूचि जगाने हेतु मिशन एक्सिीलेन्स कार्यक्रम, संसाधन एटलस कार्यक्रम के द्वारा राज्य शासन के विकास कार्यों की योजना तैयार करने में सहयोग प्रदाय करना आदि हैं। परिषद् का मूल मंत्र ‘‘विकास की बात विज्ञान के साथ’’ है।