उद्देश्य
म. प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् की स्थापना निम्न लिखित उद्देश्यों के लिए की गई है:
- राज्य के गरीब एवं पिछड़े कृषक, भूमिहीन कृषक, छोटे कामगार एवं अनुसूचित जाति/जनजाति, महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए विशेष कर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी दूर करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों की पहचान करना तथा उनके विकास के लिए उसका उपयोग करना।
- सामाजिक एवं आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए शासन की नीतियों एवं उनके परिपालन के लिए उठाये जाने वाले आवश्यक कदमों के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में शासन को सलाह देना।
- राज्य के प्राकृतिक संसाधनों के समन्वित विकास के लिए अनुसंधान एवं प्रदर्शन तथा विकासीय योजनाओं, कार्यक्रमों की पहल, प्रयोजन एवं समन्वयन करना।
- विकास को बढ़ावा देने हेतु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की आवश्यकता अनुसार प्रयोगशालाएं स्थापित करना अथवा उनकी स्थापना हेतु सहायता देना।
- पुस्तकालय एवं प्रलेखन केन्द्र की स्थापना एवं संचालन करना।
- राज्य के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की अन्य संस्थाओं से प्राप्त होने वाली योजनाओं का अनुमोदन, योजनाएं तैयार करना एवं उनकी तैयारी के लिए अनुदान, ऋण एवं विषेषज्ञों को सहायता प्रदान करना।
- विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए लोगों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रचार-प्रसार व संगोष्ठियां आदि का आयोजन करना।
- राज्य शासन द्वारा परिचालित तकनीकी प्रयासों में परिपूरक बनना।
- समान उद्देश्यों की राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थाओं के साथ परस्पर कार्य करना।
- राज्य की समस्याओं के निराकरण के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी से संबंधित कार्यवाही करना तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की शिक्षा को बढ़ावा देना।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय अनुसंधान एवं विकास कार्यों को पुरस्कृत करना।
- सामान्यतः सभी ऐसे उपाय करना, जिसमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग से प्रदेश का विकास तीव्रगामी गति से हो।