सर्वेक्षण अनुमति

राज्य अपनी खनिज सम्पदा के विकास की दिशा में कार्य करते हुये, खनिजों की खोज हेतु वृहद क्षेत्र में निजी सहभागिता को बढ़ावा दिया गया है। भारत सरकार द्वारा निर्मित खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 के प्रावधान अनुसार राज्य के लगभग 92000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में हीरा एवं बहुमूल्य खनिजों की खोज हेतु 77 रिकोनेसेन्स परमिट राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को प्रदान किये गये है। वर्ष 2012-2013 मंे लगभग 1800 वर्ग कि.मी. क्षेत्र पर 05 परमिट स्वीकृत किये गये है। इन कम्पनियों द्वारा प्रदेश में अत्याधुनिक तकनीक से कार्य करते हुये उत्साहवर्धक उपलब्धि हासिल की गई है। मेसर्स रियोटिन्टों को छतरपुर जिले में हीरे के भण्डार मिले है। इसी प्रकार मेसर्स जियो मैसूर सर्विसेज इंडिया प्रा.लि. द्वारा प्रदेश में सोना, निकिल कापर प्लेटिनम-पैलेडियम की खोज की गई है। इन खोजों से राज्य को खनिज क्षेत्र में नवीन प्रतिष्ठा प्राप्त हुई है।

कोल बेड मीथेन गैस गैर परम्परागत ऊर्जा का एक नया स्त्रोत है। राज्य में कोल बेड मीथेन गैस प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। रिलायंस (अनिल अंबानी ग्रुप), कंसोर्टियम, टाटा पावर एवं, मे0 दीप इंडस्ट्रीज लि. के कंसोर्टियम तथा एस्सार लि0 को भी सी.बी.एम. की खोज हेतु परमिट स्वीकृत किये गये हैं, जिसकी खोज उपरांत प्रदेश, राष्ट्र में सी.बी.एम. उत्पादक राज्य के रूप में नये आयाम हासिल करेगा।