सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 के कट ऑफ अंकों के संदर्भ में वस्तुस्थिति
गत दिनों आयोग द्वारा सहायक प्राध्यापक परीक्षा-2017 के विभिन्न विषयों के कट ऑफ अंकों का प्रकाशन किया गया है। कुछ विषयों में विभिन्न श्रेणियों में महिला प्रवर्ग का कट ऑफ उस प्रवर्ग/श्रेणी के कट ऑफ से अधिक गया है। इसे इस तरह प्रचारित किया गया है कि महिला अभ्यर्थी अधिक अंक प्राप्त करके भी चयन से वंचित रही है तथा पुरुष अभ्यर्थी कम अंकों केबाद भी चयनित हो गए।
कट ऑफ अंकों का यह विश्लेषण पूर्णतः त्रुटिपूर्ण है। कट ऑफ अंकों में जिस भी प्रवर्ग का कट ऑफ प्रदर्शित है यह उस आरक्षित प्रवर्ग हेतु आरक्षित पदों पर चयनित अंतिम अभ्यर्थी के अंक है न कि प्रवर्ग हेतु अंतिम चयनित अभ्यर्थी का अंक ।
यदि किसी विषय में किसी श्रेणी की महिला हेतु कट ऑफ 356 तथा उस श्रेणी हेतु कट ऑफ 354 दर्शाया गया है तो इसका अर्थ है कि उक्त श्रेणी में महिता प्रवर्ग हेतु आरक्षित रिक्तियों की पूर्ति में अंतिम चयन 356 अंक प्राप्त अभ्यर्थी से हुआ है। संबन्धित श्रेणी हेतु 354 अंक का अर्थ यह नहीं है कि यह उक्त श्रेणी के पुरुषों का कट ऑफ है अर्थात 356 से कम तथा 354 अंक तक प्राप्त करके चयनित होने वाले अभ्यर्थियों में मेरिट क्रम में महिला तथा पुरुष दोनों अभ्यर्थी सम्मिलित है। ऐसी स्थिति में यह संभव नहीं है कि किसी भी श्रेणी में पुरुष अभ्यर्थी से अधिक अंक प्राप्त करने पर भी महिला अभ्यर्थी चयन से वंचित रह गई हो।
महिला/ दिव्यांगजन/ भूतपूर्व सैनिक आदि होरीजोन्टल आरक्षण के पद है तथा होरीजोन्टल आरक्षण के संदर्भ में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल (अपील) क्रमांक 3132/2007, राजेश कुमार डारिया विरुद्ध राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं अन्य में पारित निर्णय दिनांक 18.07.2007 में अभिनिर्धारित रीति का अनुपालन आयोग द्वारा किया जाता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के उक्त निर्णय को अभ्यर्थियों के संदर्भ हेतु नीचे दी गयी लिंक में उपलब्ध कराया जा रहा है।
अपर परीक्षा नियंत्रक
- माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल (अपील) क्रमांक 3132/2007,
राजेश कुमार डारिया विरुद्ध राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं अन्य में पारित निर्णय दिनांक 18.07.2007 (Size: 83 KB, Format: PDF, Language: Hindi)