शासन स्तरीय :-
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंत्रालय में प्रमुख सचिव पदस्थ हैं। उनके अधीन तकनीकी शाखा में एक अपर सचिव (तकनीकी) एवं अवर सचिव (तकनीकी) तथा स्थापना शाखा में एक उप सचिव कार्यरत हैं।
प्रमुख अभियन्ता कार्यालय :-
विभागाध्यक्ष के रूप में मुख्यालय में प्रमुख अभियंता पदस्थ हैं। इसके अतिरिक्त प्रमुख अभियंता (सलाहकार) भी मुख्यालय में पदस्थ हैं। विभाग में जल सहायता संगठन प्रकोष्ठ के अन्तर्गत मुख्य अभियन्ता स्तर का संचालक का एक पद स्वीकृत है। प्रदेश में 5 परिक्षेत्र (चार सिविल एवं एक विधुतयांत्रिकी) कार्यालय हैं, जो मुख्य अभियन्ताओं के अधीन हैं। विभाग में स्वीकृत विभिन्न पदों की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रमांक | पद | संख्या |
1. | मुख्य अभियन्ता (सिविल) |
04 पद |
2. | संचालक (जल सहायता संगठन) - |
01 पद |
3. | मुख्य अभियन्ता (वि.यां.) |
01 पद |
4. | अधीक्षण यन्त्री (सिविल) |
24 पद |
5. | अधीक्षण यन्त्री (वि.यां.) |
05 पद |
6. | कार्यपालन यन्त्री (सिविल) |
74 पद |
7. | कार्यपालन यन्त्री (वि.यां.) |
11 पद |
8. | सहायक यन्त्री (सिविल) |
241 पद |
9. | सहायक यन्त्री (वि.यां.) |
62 पद |
परिक्षेत्र कार्यालय :-
विभाग की मैदानी स्थापना पांच परिक्षेत्रों में विभाजित है जिनमें चार सिविल कार्यों एवं एक वि.यां. कार्यों से संबंधित है। सिविल कार्य हेतु प्रत्येक परिक्षेत्र मुख्य अभियंता (सिविल) के अधीन है, परिक्षेत्र मुख्यालय क्रमश: भोपाल, इंदौर, ग्वालियर व जबलपुर में स्थित हैं। सिविल कार्यों हेतु परिक्षेत्र भोपाल के अंतर्गत भोपाल एवं नर्मदापुरम राजस्व संभाग, इंदौर परिक्षेत्र के अंतर्गत इंदौर एवं उज्जैन राजस्व संभाग, ग्वालियर परिक्षेत्र के अंतर्गत ग्वालियर, चंबल तथा सागर राजस्व संभाग एवं जबलपुर परिक्षेत्र के अतंर्गत जबलपुर, रीवा एवं शहडोल राजस्व संभाग हैं। विभाग में एक मुख्य अभियन्ता (वि.यां) हैं जिनका मुख्यालय भोपाल है एवं कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण प्रदेश है। विभागीय ड्रिलिंग मशीनों द्वारा नलकूप खनन के कार्य इनके माध्यम से किये जाते हैं।
मंडल कार्यालय :-
प्रदेश में संभाग स्तर पर 10 संभागों में क्रमश: भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर, जबलपुर, रीवा, शहडोल, नर्मदापुरम, चम्बल एवं परियोजना मण्डल छिन्दवाड़ा सहित कुल 11 मंडल कार्यालय स्थापित हैं जिनके माध्यम से विभिन्न योजनाओं के कार्य किये जाते हैं तथा अधीनस्थ खंडों एवं उपखंडों पर उनके द्वारा प्रशासकीय नियंत्रण रखा जाता है। उपरोक्त के अतिरिक्त नगरीय जलप्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु 2 परियोजना मंडल कार्यालय क्रमश: भोपाल एवं इंदौर में स्थापित हैं। प्रत्येक मंडल कार्यालय अधीक्षण यंत्री के अधीन हैं।
खंड कार्यालय :-
मध्यप्रदेश के सभी 51 जिलों में सिविल खंड एवं 7 सम्भागीय मुख्यालयों पर 7 वि.यां. खण्ड स्थापित हैं। नर्मदा जलप्रदाय परियोजना इन्दौर के संधारण हेतु मंडलेश्वर में एक वि.यां. खण्ड नगर निगम इंदौर के अधीन कार्यरत है। इसके अतिरिक्त 7 परियोजना खण्ड, 6 संधारण खण्ड, 1 गुणवता नियंत्रण इकार्इ खण्ड भोपाल एवं 1 गुणवत्ता नियंत्रण खण्ड सरदारपुर (धार) कार्यालय स्थापित हैं। प्रदेश में कुल 204 उपखण्ड सिविल संकाय के एवं 44 जिलों में 46 वि.यां. उपखंड कार्यालय स्थापित हैं, जिनमें जबलपुर एवं ग्वालियर जिले में एक-एक कर्मशाला उपखंड हैं। प्रत्येक उपखंड कार्यालय सहायक यंत्री के अधीन हैं। 7 जिलों क्रमश: दतिया, बुरहानपुर, अशोकनगर, अनूपपुर, अलीराजपुर, आगर एवं सिंगरोली में वि.यां. उपखण्ड स्थापित नहीं हैं।
जल परीक्षण प्रयोगशालायें :-
राज्य स्तर :- प्रदेश में राज्य स्तर पर एक राज्य अनुसंधान प्रयोगशाला स्थापित है, जो मुख्य रसायनज्ञ बायोलाजिस्ट के अधाीन, गुणवत्ता नियंत्रण इकार्इ खण्ड भोपाल के अंतर्गत कार्यरत है।
जिला स्तर :- प्रत्येक जिले में एक - एक जिला स्तरीय पेयजल परीक्षण प्रयोगशालायें स्थापित है, प्रयोगशालायें कार्यपालन यंत्री के नियंत्रण में कार्य करती है।
उपखण्ड स्तर :- प्रत्येक जिले में उपखण्ड स्तर पर एक-एक उपखण्ड स्तरीय पेयजल परीक्षण प्रयोगशालायें स्थापित है, उपखण्ड स्तरीय प्रयोगशालायें सहायक यंत्री के नियंत्रण में कार्य करती है।