विज्ञान लोकव्यापीकरण योजना
उद्देश्य
आज के युग में मानव जीवन, वैज्ञानिक उपलब्धियों और उनके दैनिक जीवन में उपयोगों पर आधारित है। अतः लोगों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं तरीके अपनाने की प्रवृत्ति और उनसे संबंधित मामलों पर निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में भागीदारी हेतु उन्हें सक्षम बनाना अनिवार्य हो गया है । म.प्र.विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्, आम जनता एवं विशेष रूप से विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति जागरूकता विकसित करने, वैज्ञानिक सोच को जाग्रत करने एवं दैनिक जीवन में विज्ञान के व्यावहारिक उपयोगों की जानकारी प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। इस हेतु परिषद् वर्ष भर विज्ञान लोकव्यापीकरण की विभिन्न गतिविधियां एवं कार्यक्रम आयोजित करती है। प्रदेश में विज्ञान से संबंधित नवीन गतिविधियों एवं प्रषिक्षण कार्यक्रमों हेतु राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद् (एन.सी.एस.टी.सी.), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।
- विद्यार्थियों एवं जनसामान्य में विज्ञान लोकव्यापीकरण।
- विद्यार्थियों में जिज्ञासा एवं सृजनात्मकता का विकास।
- विद्यार्थियों में खोजी प्रवृत्ति का विकास।
- विद्यार्थियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास।
- जन सामान्य में वैज्ञानिक अभिरूचि का प्रोन्नयन करना एवं जीवन में विज्ञान के व्यावहारिक उपयोग की जानकारी प्रदान करना।
- शिक्षकों को विज्ञान शिक्षण पद्धति में नवाचार हेतु प्रेरित करना ।
मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नेटवर्क
पृष्ठभूमि
मध्यप्रदेशप्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य है। यहां कृषि, वन, उद्योग एवं शिक्षा के क्षेत्र में विकास की व्यापक संभावनायें है। परिषद् ने प्राकृतिक संसाधनो के समग्र उपयोग वन एवं प्रौद्योगिकी नेटवर्क की स्थापना की है । इसके अंतर्गत ग्वालियर, इन्दौर, जबलपुर, रीवा एवं अलीराजपुर में क्षेत्रीय विस्तार केंद्र की स्थापना की गई है ।
उद्देश्य
- क्षेत्र के उत्कृष्ट कारीगरों, किसानों एवं महिलाओं को चिन्हित करके उनके कौषल को प्रोत्साहित करना।
- महत्वपूर्ण दिवसों जैसे विज्ञान दिवस, नर्मदा जयंती आदि अवसरों पर विज्ञान का प्रचार प्रसार करना।
- क्षेत्र के नवाचारियों को चिन्हित करना एवं पेटेंट हेतु प्रोत्साहित करना ।
- क्षेत्रीय स्तर पर उप संभावनाओं का पता लगाना, जिसमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग करके वहां के अजा/अजजा/पिछड़ा वर्ग एवं कमजोर वर्गों के आर्थि उत्थान हेतु अपने सुझाव सहित प्रस्ताव प्रेषित करना ।
विज्ञान मेला
विज्ञान मेला
हमारे लोकजीवन एवं लोक संस्कृति में मेलों का मत्वि है । वस्तुतः मेले सांस्कृतिक आदान-प्रदान एवं मिलने जुलने का अवसर प्रदान करते रहें हैं । विज्ञान मेलों में विज्ञान की बातें, वैज्ञानिक जागरुकता और विज्ञान संबंधी तकनीकों एवं उपकरणों का प्रदर्षन एवं प्रचार किया जा सकता है ।
माननीय मुख्यमंत्री के निर्देषानुसार विज्ञान के लोकव्यापीकरण की एक विषिष्ट योजना तैयार की गई है । इसके अंतर्गत् संभाग, जिला एवं पंचायत स्तर पर विज्ञान मेलों का आयोजन किया जा रहा है ।
ग्रामीण स्कूलों में विज्ञान लोकव्याकरण की विषिष्ट योजना
ग्रामीण स्कूलों में विज्ञान लोकव्याकरण की विषिष्ट योजना
वार्षिक कार्यक्रम
वार्षिक आयोजन
- परिषद् द्वारा स्वयं के स्तर पर वर्ष 2012-13 में निम्न वार्षिक समारोहों का आयोजन किया जा रहा हैे:
- मध्यप्रदेश विज्ञान प्रतिभा सम्मान समारोह ।
- मध्य प्रदेश विज्ञान प्रसार कांगे्रस ।
- मध्य प्रदेश विज्ञान शिक्षक कांगे्रस ।.
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पुरस्कार समारोह ।
वार्षिक कार्यक्रम
- परिषद् द्वारा वर्ष 2012-13 में निम्न वार्षिक कार्यक्रम का आयोजन शासकीय विद्यालयों, शासकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं के सुदृढ़ नेटवर्क के माध्यम से किया जा रहा हैे:
- अन्तर्राष्ट्रीय वर्ष - प्रतिवर्ष पृथक-पृथक विषय का निर्धारण किया जायेगा। वर्ष 2012 के लिए अन्तर्राष्ट्रीय वर्ष 2012-सतत् ऊर्जा सभी के लिए निधारित किया गया है । ये कार्यक्रम शासकीय विद्यालयों, शासकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, सरकारी एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के नेटवर्क के माध्यम से किये जा रहे हैें।
- राष्ट्रीय वर्ष - प्रतिवर्ष पृथक-पृथक विषय का निर्धारण किया जायेगा। वर्ष 2012 के लिए राष्ट्रीय गणित वर्ष 2012 निधारित किया गया है । ये कार्यक्रम शासकीय विद्यालयों, शासकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं के नेटवर्क के माध्यम से किये जा रहे हैे ।
- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस वर्ष 2013 के लिए निम्न जिनेटिकली मोडिफाइड क्राप एवं फूड सिक्योरटी विषय निर्धारित किया गया है। ये कार्यक्रम विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों के नेटवर्क के माध्यम से किये जा रहे हैे ।
- आदिवासी जन विज्ञान उत्सव - 2012 यह कार्यक्रम बालाघाट आदिवासी क्षेत्र मे शासकीय स्कूल बालाघाट के माध्यम से किये जा रहे हैें ।
- रीजनल साइंस सेंटर के साथ संयुक्त कार्यक्रम
- राज्य विज्ञान षिक्षा संस्थान (एस.आई.एस.ई.) जबलपुर एवं षिक्षा विभाग के साथ संयुक्त कार्यक्रम - निम्न प्रतियोगिताओं हेतु राज्य विज्ञान षिक्षा संस्थान (एस.आई.एस.ई.) जबलपुर से सम्पर्क किया जा सकता है।
- राज्यस्तरीय वरिष्ठ एवं कनिष्ठ विज्ञान पहेली प्रतियोगिता
- अंतर्राष्ट्रीय गणित ओलम्पियाड
- नवाचारी विज्ञान षिक्षक पुरस्कार
- पश्चिम भारत विज्ञान मेला
- राष्ट्रीय विज्ञान सेमीनार
- विज्ञान क्लब
- आरोग्य ज्ञान प्रतियोगिता - ये प्रतियोगिता प्रदश्ेा स्तर पर आरोग्य भारतीएमध्यभारत द्वारा आयेाजित की जा रही हैं।
- विविध कार्यक्रम - ये कार्यक्रम स्थानीय समस्याओं एवं नवीन गतिविधि को लेकर अशासकीय संस्थाओं के माध्यम से आयोजित किये जा रहे है।
- विज्ञान मेलों का आयोजन - ये आयोजन परिषद् स्तर पर परिषद् के विस्तार केन्द्रों द्वारा किये जा रहे है।
- विद्यालयों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित पुस्तकों तथा प्रादर्शों का संगं्रहण -ये आयोजन परिषद् स्तर पर किये जा रहे है।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित विषयों पर वृŸाचित्र का निर्माण परिषद् स्तर पर किया जा रहा है।
- नवीन प्रौद्योगिकी का विकास यह आयोजन परिषद् स्तर पर किया जा रहे है।
- क्षेत्र में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का प्रचार प्रसार यह आयोजन भी परिषद् स्तर पर किया जा रहा है।
नवाचार प्रोत्साहन योजना
प्रदेष में कृषि, ऊर्जा, मधुमक्खी पालन, लाख एवं रेषम उत्पादन हेतु अनेक तकनीकों का विकास हो रहा है । परन्तु इनसे संबंधित अनेक पारम्परिक तकनीक भी विद्यमान है । आज आवष्यकता, ऐसी तकनीक को पहचान कर इनका मूल्य संवर्द्धन कर व्यावसायिक उत्पादन करने की है, जिससे प्रदेष में इसका व्यावसायिक उत्पादन कर समाज के हित में उपयोग किया जा सके ।
उद्देश्य
नवीन प्रौद्योगिकी का विकास कर इसे किसानों, ग्रामवासियों एवं अन्य संबंधित क्षेत्रों में उपयोग के लिए पहुंचाना ।